मौर्योत्तर विदेशी आक्रमण

Maurya kal ke bad videshi akramana

प्रिय पाठकों, अब तक हमने भारत के प्राचीन इतिहास कि इस श्रृंखला में पाषाण काल, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक सभ्यता, महाजनपद काल, बौद्ध धर्म, जैन धर्म,  मगध के उदय, विदेशी आक्रमणों, मौर्य काल और ब्राहमण साम्राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में चर्चा कि हैं जो आने वाली परीक्षाओं कि दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। आज कि इस ब्लॉग पोस्ट मे हम मौर्य काल के बाद भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करने वाले विदेशी वंशों से संबंधित प्रश्नों पर चर्चा करेंगे जो विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

मौर्य काल के पतन के साथ ही भारत के क्षेत्र में शक्तिशाली शासकों और शक्तिशाली राज्य का भी पतन देखने को मिला। दूसरे शब्दों में कहे तो चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक के बाद भारत के क्षेत्र में कोई शक्तिशाली शासक नहीं बना।

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किसी भी राज्य में शक्तिशाली शासकों के अभाव के कारण उस क्षेत्र कि शासन व्यवस्था में आंतरिक और बाहरी बदलाव देखने को मिलता हैं। मौर्य वंश के बाद आये आंतरिक बदलाव कि बात करे तो इस क्षेत्र में छोटे छोटे वंशों का उदय हुआ। जिसके बारे में हमने पिछली ब्लॉग पोस्ट में चर्चा कि थी।

जब किसी क्षेत्र में शक्तिशाली शासक का अभाव होता हैं तो विदेशी आक्रमणकारियों कि नजरे उस क्षेत्र पर आक्रमण करने या उस क्षेत्र पर शासन करने के लिए बनी रहती हैं। मौर्य वंश के शासन काल के बाद भारत में वो परिस्थितियाँ बनी जो विदेशी आक्रमणकारियों के लिए अनुकूल थी।

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इन्हीं परिस्थितियों का फायदा उठा कर मौर्य वंश के शासकों के शासन काल के बाद कई विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किये। इन आक्रमणों और इस आक्रमणों के कारण भारत के क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव से जोड़कर विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं।

आज कि इस ब्लॉग पोस्ट में हम उन्हीं महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में चर्चा करेंगे जो आने वाली परीक्षाओं कि दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। तो बिना समय गवाये आज का टॉपिक पहले प्रश्न के साथ शुरू करते हैं।

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प्रश्न 1. मौर्य वंश के शासकों के शासन काल के बाद कौनसे क्षेत्र से आक्रमणकारियों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किया था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासकों के शासन काल के बाद मध्य एशिया से आक्रमणकारियों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किया था।

हिंद यूनानी

मौर्य वंश के शासकों के शासन काल के बाद यूनान के क्षेत्र से आक्रमणकारियों ने भारत के उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत क्षेत्रों पर आक्रमण किया था। जिन्हें हिंद यूनानी भी कहा जाता हैं। इनसे जोड़कर विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं आज के इस ब्लॉग पोस्ट के इस खंड में उन्हीं प्रश्नों के बारे में चर्चा करेंगे।

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प्रश्न 2. मौर्य वंश के शासन काल के बाद सबसे पहले कौनसे विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किया था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद सबसे पहले हिंद यूनानी विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किया था।

प्रश्न 3. हिंद यूनानी आक्रमणकारियों को कौन कौनसे अन्य नामों से भी जाना जाता हैं?

उत्तर: हिंद यूनानी आक्रमणकारियों को निम्न अन्य नामों से भी जाना जाता हैं: –

– ग्रीक आक्रमणकारी

– बेक्ट्रियाई आक्रमणकारी

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डेयेट्रीयस

प्रश्न 4. मौर्य वंश के शासन काल के बाद भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करने वाला पहला बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक कौन था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करने वाला पहला बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस था।

प्रश्न 5. मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर कब आक्रमण किया था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर 170 ईसा पूर्व में आक्रमण किया था।

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प्रश्न 6. मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करके कौन कौनसे क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करके अफगानिस्तान, सिंध और पंजाब के क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था।

प्रश्न 7. मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करके जीते हुवे क्षेत्रों के राजधानी कहाँ बनायी थी?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) शासक डेयेट्रीयस ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण करके जीते हुवे क्षेत्रों कि राजधानी शाकल बनायी थी। शाकल के वर्तमान नाम कि बात करे तो उसका वर्तमान नाम हैं स्यालकोट। आपको पता होगा स्यालकोट वर्तमान में पाकिस्तान का एक शहर हैं।

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मिलाण्डर

प्रश्न 8. मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक कौन था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक कि बात करे तो इस वंश का प्रमुख शासक था मिलाण्डर।

प्रश्न 9. मिलाण्डर को किस अन्य नाम से भी जाना जाता हैं?

उत्तर: मिलाण्डर के अन्य नाम कि बात करे तो इसको मिलिंद के नाम से भी जाना जाता हैं।

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प्रश्न 10. मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद ने कब से कब तक शासन किया था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद ने 165 ईसा पूर्व से 145 ईसा पूर्व तक शासन किया था।

प्रश्न 11. मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर का संकलन किसमें किया गया हैं?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर का संकलन मिलिन्दपन्हों में किया गया हैं।

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प्रश्न 12. मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर पर आधारित मिलिन्दपन्हों कि रचना किसने कि थी?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर पर आधारित मिलिन्दपन्हों कि रचना नागसेन ने कि थी।

प्रश्न 13. मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर पर आधारित मिलिन्दपन्हों का सम्बन्ध किस धर्म से था?

उत्तर: मौर्य वंश के शासन काल के बाद आक्रमण करने वाले बेक्ट्रियाई (हिंद यूनानी) वंश का प्रमुख शासक मिलाण्डर यानी मिलिंद और नागसेन के बीच हुवे प्रश्न उत्तर पर आधारित मिलिन्दपन्हों का सम्बन्ध बौद्ध धर्म से था। मिलिंद ने नागसेन से बौद्ध धर्म से सम्बंधित प्रश्न किये जिनके उत्तर नागसेन ने दिये थे। आपको याद होगा हम इसके बारे में पहले चर्चा कर चुके हैं।

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अन्य

प्रश्न 14. प्राचीन भारतीय इतिहास में सर्वप्रथम सोने के सिक्के किस वंश के द्वारा चलाए गए थे?

उत्तर: प्राचीन भारतीय इतिहास में सर्वप्रथम सोने के सिक्के हिंद यूनानी शासको के द्वारा चलाए गए थे।

प्रश्न 15. मौर्य वंश के शासको के शासनकाल के बाद भारत में आने वाले हिंद यूनानी शासको द्वारा चलाए गए सिक्कों की क्या विशेषता थी?

उत्तर: मौर्य वंश के शासको के शासनकाल के बाद भारत में आने वाले हिंद यूनानी शासको द्वारा चलाए गए सिक्कों से काल और राजा की निश्चित जानकारी मिलती थी।

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प्रश्न 16. हिंद यूनानियों की हेलेनिस्टिक आर्ट की मदद से भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में कौन सी कला का विकास हुआ था?

उत्तर: हिंद यूनानियों की हेलेनिस्टिक आर्ट की मदद से भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में गांधार कला का विकास हुआ था।

प्रश्न 17. हिंद यूनानियों का भारत में आने से इस क्षेत्र में होने वाले नाटकों में क्या बदलाव देखने को मिला?

उत्तर: हिंद यूनानियों का भारत में आने से इस क्षेत्र में होने वाले नाटकों में पर्दा गिराने और पर्दा उठाने कि प्रथा कि शुरुआत हुई।

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शक

मौर्य वंश के शासको के शासनकाल के बाद विदेशी आक्रमणकारियों के क्रम में हिंद यूनानियों के बाद भारत के क्षेत्र पर शकों ने आक्रमण किया था। ब्लॉक पोस्ट के इस खंड में हम इन्हीं से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा करेंगे।

प्रश्न 18. विदेशी आक्रमणकारी शक कहां से आए थे?

उत्तर: विदेशी आक्रमणकारी शक मध्य एशिया से आए थे।

प्रश्न 19. विदेशी आक्रमणकारी शक भारत में क्यों आये थे?

उत्तर: विदेशी आक्रमणकारी शक मध्य एशिया की एक जनजाति थी जो चारागाह की खोज में भारत आए थे।

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प्रश्न 20. विदेशी आक्रमणकारी शकों की कितनी शाखाएं भारत में आई थी?

उत्तर: विदेशी आक्रमणकारी शकों की पाँच शाखाएं भारत में आई थी। जिसमें से पश्चिम शाखा सबसे मजबूत शाखा थी।

रुद्रदामन

प्रश्न 21. रुद्रदामन का संबंध किससे था?

उत्तर: रुद्रदामन का संबंध शकों की पश्चिमी शाखा से था। जिसने 130 ईस्वी से 150 ईस्वी तक शासन किया था।

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प्रश्न 22. सुदर्शन झील का जिर्णोद्धार किसके द्वारा करवाया गया था?

उत्तर: सुदर्शन झील का जिर्णोद्धार शक शासक रुद्रदामन द्वारा करवाया गया था। आपको ज्ञात होगा सुदर्शन झील का निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य का समय हुआ था।

जूनागढ़ अभिलेख

प्रश्न 23. जूनागढ़ अभिलेख किसके द्वारा लिखवाया गया था?

उत्तर: जूनागढ़ अभिलेख रुद्रदामन द्वारा लिखवाया गया था।

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प्रश्न 24. शक शासक रुद्रदामन द्वारा लिखवाये गये जूनागढ़ अभिलेख की क्या विशेषताएं है?

उत्तर: शक शासक रुद्रदामन द्वारा लिखवाये गये जूनागढ़ अभिलेख की निम्न विशेषताएं है: –

– जूनागढ़ अभिलेख से मौर्य शासकों के बारे में जानकारी मिलती हैं।

– जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत में लिखा गया था।

प्रश्न 25. संस्कृत भाषा में लिखा गया प्राचीनतम अभिलेख कौन सा है?

उत्तर: संस्कृत भाषा में लिखा गया प्राचीनतम अभिलेख जूनागढ़ अभिलेख है। जिसका निर्माण रुद्रदामन में करवाया था।

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उज्जैन का शासक – विक्रमादित्य

प्रश्न 26. उज्जैन के कौनसे शासक ने शकों को पराजित किया था?

उत्तर: उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र ने शकों को पराजित किया था। इससे पहले शकों ने गर्दभिल्ल को पराजित करके उज्जैन पर अधिकार कर लिया था।

प्रश्न 27. उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र ने शकों को कब पराजित किया था? 

उत्तर: उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र ने शकों को 58 ईसा पूर्व में पराजित किया था।

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प्रश्न 28. उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र ने शकों को पराजित करने के बाद कौनसी उपाधि धारण कि थी?

उत्तर: उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र ने शकों को पराजित करने के बाद विक्रमादित्य कि उपाधि धारण कि थी।

प्रश्न 29. उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष में कौन सा संवत चलाया था?

उत्तर: उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष में विक्रम संवत चलाया था।

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प्रश्न 30. उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र विक्रमादित्य ने विक्रम संवत कब चलाया था?

उत्तर: उज्जैन के गर्दभिल्ल के पुत्र विक्रमादित्य ने विक्रम संवत 57 ईसा पूर्व चलाया था।

प्रश्न 31. विक्रम संवत किस देश का सरकारी संवत है?

उत्तर: विक्रम संवत नेपाल का सरकारी संवत है।

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प्रश्न 32. विक्रम संवत का पहला महिना कौनसा हैं?

उत्तर: विक्रम संवत का पहला महिना चैत्र हैं।

पहलव

पहलव वंश से जोड़कर ज्यादा प्रश्न नहीं पूछे जाते हैं। लेकिन 2 – 3 प्रश्न काफी महत्वपूर्ण हैं। आये उनके बारे में चर्चा करते हैं।

प्रश्न 33. पहलव वंश को कौनसे अन्य नाम से जाना जाता हैं?

उत्तर: पहलव वंश को पार्थियन वंश के नाम से भी जाना जाता हैं।

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प्रश्न 34. पहलव वंश के शासकों कि राजधानी कहाँ थी?

उत्तर: पहलव वंश के शासकों कि राजधानी तक्षशिला थी।

प्रश्न 35. पहलव वंश का प्रमुख शासक कौन था?

उत्तर: पहलव वंश का प्रमुख शासक गोदोफर्निस था।

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प्रश्न 36. सेंट थॉमस नामक पादरी ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कौनसे शासक के शासन काल में भारत आये थे?

उत्तर: सेंट थॉमस नामक पादरी ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार के लिए पहलव वंश के शासक गोदोफर्निस के शासन काल में भारत आये थे।

कुषाण

मौर्य वंश के शासकों के शासन काल के बाद विदेशी आक्रमणकारियों में कुषाण आने वाली परीक्षाओं कि दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। तो आये उनसे जुड़े हुवे प्रश्नों के बारे में चर्चा करते हैं।

प्रश्न 37. कुषाण कौन थे?

उत्तर: कुषाणों का संबंध चीन कि भुची/ तोखरी जाति से था। जो चीन से मध्य एशिया गयी और मध्य एशिया से भारत में प्रवेश करते हैं। इस जाति के पाँच कबीले थे जिसमें से प्रमुख थे कुषाण।

कुजूल कडफिसेस

प्रश्न 38. कुषाण वंश के संस्थापक कौन थे?

उत्तर: कुषाण वंश के संस्थापक कुजूल कडफिसेस थे।

विम कडफिसेस

प्रश्न 39. कुषाण वंश के कौनसे शासक ने सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी किये थे?

उत्तर: कुषाण वंश के शासक विम कडफिसेस ने सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी किये थे।

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प्रश्न 40. कुषाण वंश का कौनसा शासक भारत में आने के बाद शैव धर्म का उपासक बना था?

उत्तर: कुषाण वंश का शासक विम कडफिसेस भारत में आने के बाद शैव धर्म का उपासक बना था।

कनिष्क

प्रश्न 41. कुषाण वंश का सबसे प्रमुख शासक कौन था?

उत्तर: कुषाण वंश का सबसे प्रमुख शासक कनिष्क था।

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प्रश्न 42. कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने कौनसा कैलेंडर चलाया था?

उत्तर: कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने राजा बनने के उपलक्ष में शक संवत नामक कैलेंडर चलाया था।

प्रश्न 43. कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने शक संवत नामक कैलेंडर कब चलाया था?

उत्तर: कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने शक संवत नामक कैलेंडर 78 ईस्वी में चलाया था।

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प्रश्न 44. भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर कौनसा हैं?

उत्तर: भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत हैं।

प्रश्न 45. भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत का पहला महिना कौनसा हैं?

उत्तर: भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत का पहला महिना चैत्र हैं।

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नोट: शक और विक्रम संवत का पहला महिना चैत्र हैं लेकिन विक्रम संवत कि शुरुआत कृष्ण पक्ष और शक संवत कि शुरुआत शुक्ल पक्ष से होती हैं। 

प्रश्न 46. प्राचीन काल में रेशम मार्ग किसको कहा जाता था?

उत्तर: प्राचीन काल में चीन से मध्य एशिया के बीच के मार्ग को रेशम मार्ग कहा जाता था। इस मार्ग से रेशम का व्यापार होता था।

प्रश्न 47. प्राचीन काल में रेशम का सबसे अधिक उत्पादन कहाँ होता था?

उत्तर: प्राचीन काल में रेशम का सबसे अधिक उत्पादन चीन में होता था।

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प्रश्न 48. कुषाण वंश के कौनसे शासक ने रेशम के मार्ग पर अधिकार कर लिया था?

उत्तर: कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने रेशम के मार्ग पर अधिकार कर लिया था।

प्रश्न 49. भारत में सबसे शुद्ध सोने के सिक्के किसके द्वारा चलाये गये थे?

उत्तर: भारत में सबसे शुद्ध सोने के सिक्के कनिष्क द्वारा चलाये गये थे।

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नोट: सबसे पहले सोने के सिक्के हिंद यूनानियों द्वारा चलाये गये थे। सबसे शुद्ध सोने के सिक्के कुषाणों द्वारा चलाये गये थे। वहीं सबसे अधिक मात्रा में सोने के सिक्के गुप्त वंश के शासकों द्वारा चलाये गये थे। 

प्रश्न 50. कुषाणों ने सबसे ज्यादा मात्रा में कौनसे सिक्के जारी किये थे?

उत्तर: कुषाणों ने सबसे ज्यादा मात्रा में चांदी के सिक्के जारी किये थे।

प्रश्न 51. कुषाणों कि दूसरी राजधानी कौनसी थी?

उत्तर: कुषाणों कि दूसरी राजधानी मथुरा थी। जो कनिष्क के समय बनायी गयी थी। कुषाणों कि पहली राजधानी पुरुषपुर (पेशावर) थी। आपको पता होगा पेशावर वर्तमान में पाकिस्तान का एक शहर हैं।

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प्रश्न 52. कुषाण वंश का शासक कनिष्क बौद्ध धर्म कि कौनसी शाखा का अनुयायी था?

उत्तर: कुषाण वंश का शासक कनिष्क बौद्ध धर्म कि महायान शाखा का अनुयायी था।

प्रश्न 53. कनिष्क के शासन काल के समय कौनसी बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था?

उत्तर: कनिष्क के शासन काल के समय चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था। जिसकी अध्यक्षता वसुमित्र द्वारा कि गयी थी।

नोट: चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन कुंडलवन (कश्मीर) में हुआ था। 

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अन्य

प्रश्न 54. गांधार और मथुरा कला का विकास किसके शासन काल में हुआ था?

उत्तर: गांधार और मथुरा कला का विकास कनिष्क के शासन काल में हुआ था।

नोट: गांधार कला हिंद यूनानी और भारतीय कला का मिश्रण थी। वहीं मथुरा कला पूर्णतयः एक भारतीय कला थी। इसके अलावा बात करे तो गांधार कला का संबंध बौद्ध धर्म से और मथुरा कला का सम्बन्ध जैन धर्म से जोड़ा जाता हैं। 

अश्वघोष

प्रश्न 55. बुद्धचरित के रचियता अश्वघोष किसके दरबार में रहते थे?

उत्तर: बुद्धचरित के रचियता अश्वघोष कनिष्क के दरबार में रहते थे।

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सुश्रुत

प्रश्न 56. भारत में शल्य चिकित्सा के जनक किसको कहा जाता हैं?

उत्तर: भारत में शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत को कहा जाता हैं।

प्रश्न 57. भारतीय शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत किसके समकालीन थे?

उत्तर: भारतीय शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत कनिष्क समकालीन थे।

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प्रश्न 58. सुश्रुत सहिंता कि रचना किसने कि थी?

उत्तर: सुश्रुत सहिंता कि रचना सुश्रुत द्वारा कि गयी थी। जो शल्य चिकित्सा से संबंधित हैं।

चरक

प्रश्न 59. भारतीय चिकित्सा के जनक किसको कहा जाता हैं?

उत्तर: भारतीय चिकित्सा के जनक चरक कहा जाता हैं।

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प्रश्न 60. भारतीय चिकित्सा के जनक चरक किसके समकालीन थे?

उत्तर: भारतीय चिकित्सा के जनक चरक कनिष्क के समकालीन थे।

प्रश्न 61. भारतीय चिकित्सा के जनक चरक ने किसकी रचना कि थी?

उत्तर: भारतीय चिकित्सा के जनक चरक ने चरक सहिंता कि रचना कि थी। जो चिकित्सा से संबंधित हैं।

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नागार्जुन

प्रश्न 62. भारत का आइंस्टीन किसे कहा जाता हैं?

उत्तर: भारत का आइंस्टीन नागार्जुन को कहा जाता हैं।

प्रश्न 63. भारत का आइंस्टीन नागार्जुन किसके समकालीन थे?

उत्तर: भारत का आइंस्टीन नागार्जुन कनिष्क के समकालीन थे।

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प्रश्न 64. शून्य वाद कि खोज किसने कि थी?

उत्तर: शून्य वाद कि खोज नागार्जुन ने कि थी। नागार्जुन एक बौद्ध दार्शनिक थे।

प्रिय पाठकों, आज की इस ब्लॉक पोस्ट में मौर्य वंश के एक विशाल साम्राज्य के पतन के बाद भारत के क्षेत्र में छोटे-छोटे वंश उभरने के कारण विदेशी ताकतों ने भारत के क्षेत्र पर आक्रमण किया। वह कौन सी विदेशी ताकतें थी जिन्होंने भारत पर आक्रमण किया, उनके कौन-कौन से प्रमुख शासक हुए और उनके प्रभाव से भारत में क्या बदलाव आए इनसे जुड़े प्रश्नों पर हमने चर्चा की। जो आने वाली विभिन्न परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

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