नमस्कार, मेरे पुराने पाठकों का मेरे ब्लॉग (Free Padhai) पर वापिस स्वागत हैं। अब तक हम भारतीय संविधान के 18 अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको उन सभी अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी और आपने इनके नोट्स भी तैयार कर लिए होंगे। आज हम उसके आगे भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तो बिना समय गंवाए आज की पढ़ाई शुरू करते हैं।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19)
परिचय
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) संविधान का एक मौलिक अधिकार है जो भारत के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता के आधिकार के लिए छः बिन्दुओं के बारे में बात करता हैं। जोकि निम्न प्रकार हैं – वाणी और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, गतिविधि, निवास और व्यवसाय। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 को लोकतंत्र का आधार माना जाता है और यह अनुच्छेद देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
वाणी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को वाणी और अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी देता है। अनुच्छेद 19 अपने विचारो, राय, और विश्वासों को किसी भी माध्यम से व्यक्त करने का अधिकार प्रदान करता हैं। अपने विचार, राय या फिर विश्वास को व्यक्त करने के लिए आप निम्न माध्यम का उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि भाषण, लेखन, मुद्रण, या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया। यदि हम अनुच्छेद 19 पर गौर करे तो हम पायेंगे की व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास और लोकतांत्रिक समाज के विकास के लिए अनुच्छेद 19 के इस जैसे प्रावधानों की बहुत आवश्यकता हैं।
सभा की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को सभा करने की आजादी प्रदान करता हैं। चाहें वो सभा धार्मिक उद्देश्य से हो या राजनितिक उद्देश्य से हो या फिर किसी और उद्देश्य से हो। लेकिन सभा करने के लिए कुछ शर्तें हैं जो कुछ इस प्रकार है। (1) सभा शांतिपूर्वक और बिना हथियारों की होनी चाहिए। (2) सभा से देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर कोई खतरा ना हों। (3) सभा के लिए चुना गया स्थान सार्वजनिक होना चाहिए।
संघ की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी संघ या संगठन में जुड़ने या संघ, संगठन और समिति बनाने की आजादी प्रदान करता हैं। अनुच्छेद 19 कहता है की आप अपनी इच्छा से किसी भी संघ या संगठन से जुड़ सकते हैं लेकीन इसके ठीक विपरीत कोई भी व्यक्ति या संगठन आपको उससे जुड़ने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। साथ ही अनुच्छेद 19 यह भी कहता हैं की आप किसी भी संघ या संगठन की नींव जरुर रख सकते हैं क्योंकि यह एक मौलिक अधिकार हैं लेकिन सरकार आपके संघ या संगठन को मान्यता प्रदान करें यह जरूरी नहीं हैं। राज्य आपके संघ या संगठन पर कुछ प्रतिबंध लगा सकता हैं यदि राज्य को लगता हैं की आपके संघ या संगठन की वजह से देश की संप्रभुता और सुरक्षा में खतरा उत्पन्न हो रहा हैं या फिर आपका संघ या संगठन से आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं तो राज्य उचित प्रतिबंध लगा सकता हैं।
गतिविधि की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को भारत के क्षेत्र में घूमने की आजादी देता हैं और यह सुनिश्चित करता हैं कि यह आपका मौलिक अधिकार हैं। यानी कि भारत के किसी भी नागरिक को देश के किसी भी कोने में जाने से कोई रोक नहीं सकता और ना ही उससे वहां जाने के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत हैं लेकिन राज्य किसी भी नागरिक की गतिविधि को प्रतिबंधित कर सकता हैं यदि राज्य को लगे की आपकी वजह से वहां पर रहने वाले नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं या आपकी गतिविधि की वजह से देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न होता हैं।
इसके अलावा, न्यायालय ने भी नागरिकों की गतिविधि से सम्बन्धित कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। जैसे – कोई भी नागरिक जनजातीय क्षेत्र में घूमने के लिए नहीं जा सकता क्योंकि इसकी वजह से उन जनजातीय समूह का जीवन प्राभावित होता हैं, कोई भी व्यक्ति जो बदमाश या गुंडा हैं की गतिविधियों पर न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई हैं और बोम्बे हाई कोर्ट ने एड्स के मरीजों के आवागमन पर भी रोक लगा रखी हैं।
निवास की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को भारत के क्षेत्र में अपनी इच्छा से कहीं पर भी निवास करने की पूर्ण आजादी प्रदान करता हैं। उसके लिए कुछ शर्तें हैं जैसे – नागरिक जो जहां रहना चाहता हैं के पास वहां पर रहने का कोई दस्तावेज हों, कोई भी नागरिक जनजातीय क्षेत्र में जाकर निवास नहीं कर सकता क्योंकि ऐसा करने से उस क्षेत्र में रहने वाली जनजातीय समूह का जीवन प्राभावित हो सकता हैं और साथ ही नागरिक जहां रहे रहा हैं वहां ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न हो। अनुच्छेद 19 का यह प्रावधान व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास और लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभा रहा हैं।
व्यवसाय की स्वतंत्रता
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) भारत के सभी नागरिकों को अपनी रोजी रोटी के लिए अपनी इच्छा से काम करने की आजादी देता हैं यानी कि नागरिक अपने विवेक और अपनी इच्छा के अनुरूप अपना व्यवसाय चुन सकते हैं राज्य उनको यह नहीं कह सकता की आपको यह काम या व्यवसाय करना ही पड़ेगा क्योंकि व्यवसाय की स्वतंत्रता भारत से सभी नागरिकों का एक मौलिक अधिकार भाग हैं।
इसके अलावा, भारत का नागरिक ऐसा कोई व्यवसाय नहीं चला सकता जिसमें महिलाओं का शारीरिक शोषण हों रहा हों या कोई ऐसा व्यवसाय नहीं कर सकता जिसमें हथियार बनाए जा रहा हों।
सन् 1978 से पहले भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 में मौलिक अधिकार के रुप सातवां भाग भी था वो था संपति का अधिकार। सन् 1978 में संपति के आधिकार को मौलिक अधिकार से निकल कर सैविधानिक आधिकार का हिस्सा बना दिया गया।
उचित प्रतिबंध
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) द्वारा दी गई गारंटीयों पर राज्य उचित प्रतिबंध लगा सकता हैं यदि राज्य को लगे कि इससे भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा और आम नागरिकों के जीवन को खतरा हैं।
अनुच्छेद 19 का महत्त्व
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है क्योंकि यह मौलिक स्वतंत्रता की गारंटी प्रदान करता है। जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास और लोकतांत्रिक समाज का विकास संभव हो पा रहा हैं। साथ ही यह अनुच्छेद सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) एक मौलिक अधिकार है जो भारत के सभी नागरिकों को वाणी और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, गतिविधि, निवास, और व्यवसाय की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास और लोकतांत्रिक समाज का विकास संभव हैं। अनुच्छेद 19 द्वारा लगाए गए उचित प्रतिबंध (जो राज्य लगा सकता हैं) भारत की संप्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक आदेश, शिष्टाचार, नैतिकता, और राज्य की सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक हैं।
आपके सवाल
अनुच्छेद 19 में क्या क्या आता है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) एक मौलिक अधिकार है जो भारत के सभी नागरिकों को वाणी और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, गतिविधि, निवास, और व्यवसाय की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
अनुच्छेद 19 के कितने भाग हैं?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) छह भागों में बंटा हुआ है। जो निम्न हैं – वाणी और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, गतिविधि, निवास, और व्यवसाय की स्वतंत्रता। इन सभी के बारे ऊपर विस्तार से बताया गया है आप वो पढ़ सकते हैं।
अनुच्छेद 19 में कितने अधिकार है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 19) छः मौलिक स्वतंत्रता की बात करता हैं।
6 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?
समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, शिक्षा का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार और सवैधानिक उपचारों का अधिकार।
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