भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24)

नमस्कार, मेरे पुराने पाठकों का मेरे ब्लॉग (Free Padhai) पर वापिस स्वागत हैं। अब तक हम भारतीय संविधान के 23 अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको उन सभी अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी और आपने इनके नोट्स भी तैयार कर लिए होंगे। आज हम उसके आगे भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तो बिना समय गंवाए आज की पढ़ाई शुरू करते हैं।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24)

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24)

परिचय

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) संविधान द्वारा दिया गया भारतीय नागरिकों के लिए एक मौलिक अधिकार है जो 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों, खदानों और अन्य खतरनाक कामों में काम करने से रोकता है। भारत के संविधान का यह प्रावधान संविधान की सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि बच्चों का शोषण न हो, वे खतरनाक कामों से सुरक्षित रहें, और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिले। क्योंकि भारत के संविधान के अनुसार 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार हैं वो भी मौलिक अधिकार हैं।

अनुच्छेद 24 का महत्त्व

बाल मजदूरी भारत में एक गंभीर समस्या है, और भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan savidhan ka anuchhed 24) इसका रोकथाम करने का प्रयास करता है। बाल मजदूरी बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है और इसके गंभीर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव हो सकते हैं।

खतरनाक परिस्थितियों में काम करने वाले बच्चे खतरनाक मशीनरी, विषाक्त पदार्थों और अन्य जोखिमों के संपर्क में आते हैं, जो चोट, बीमारी और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, बाल मजदूरी बच्चों को शिक्षा के अधिकार (जो एक मौलिक अधिकार) से वंचित करती है, जो बच्चों के विकास और प्रगति के लिए आवश्यक है।

अनुच्छेद 24 के प्रावधान

भारतीय संविधान के संविधान अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) के प्रावधान सीधे-सपाट हैं, यह कहते हैं कि 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को किसी भी कारखाने, खदान या किसी अन्य खतरनाक कार्यों में काम पर नहीं रखा जाएगा। इसका मतलब है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निम्नलिखित कार्यों में काम करने से रोका गया है:

कारखाने: इसमें ऐसे सभी स्थान शामिल हैं जहाँ सामानों का निर्माण, असेंबलिंग या प्रसंस्करण किया जाता है।

खदानें: इसमें ऐसी सभी खुदाई शामिल हैं जहाँ खनिज पदार्थों का खनन होता हैं।

खतरनाक रोजगार: इसमें ऐसे सभी कार्य शामिल हैं जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक या नैतिक कल्याण के लिए हानिकारक हैं।

अनुच्छेद 24 का उद्देश्य

बाल मजदूरी को रोकना: खतरनाक परिस्थितियों में बच्चों के काम करने पर रोक लगाने के पीछे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) का उद्देश्य बाल मजदूरी को रोकना है और सुनिश्चित करना है कि बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिले।

बच्चों को खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों से बचाना: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) सुनिश्चित करता है कि बच्चे उन खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों के संपर्क में न आएं जो उनके शारीरिक, मानसिक या नैतिक कल्याण को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

बच्चों के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना: बाल मजदूरी पर रोक लगाने के पीछे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) द्वारा यह सुनिश्चित किया गया हैं कि बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिले, जो उनके विकास और प्रगति के लिए आवश्यक है।

अनुच्छेद 24 का प्रवर्तन

भारत में बच्चों के हितों की सुरक्षा के लिए भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) का प्रवर्तन बहुत महत्वपूर्ण हैं इसके लिए सरकार और समाज संगठनों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे खतरनाक परिस्थितियों में काम पर न लगाए जाएं और उन्हें शिक्षा और अन्य विकास के अवसर प्राप्त हों।

सर्वोच्च न्यायालय की व्याख्या

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न फैसलों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) के प्रावधानों की व्याख्या और समर्थन किया है। अनुच्छेद 24 पर सुप्रीम कोर्ट के कुछ प्रमुख टिप्पणियां और निर्णय इस प्रकार हैं:

एम.सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य (1991): इस ऐतिहासिक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) खतरनाक व्यवसायों और प्रक्रियाओं में बच्चों के रोजगार पर रोक लगाता है। यहां “खतरनाक” का अर्थ है ऐसा कोई भी कार्य जो बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और नैतिकता के लिए हानिकारक हो।

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज बनाम भारत संघ (2003): इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि 14 वर्ष से कम आयु का कोई भी बच्चा किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम न करे।

फ्री लीगल एड सेल बनाम भारत संघ (2011): इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे के शिक्षा का अधिकार उसमें बाल श्रम से मुक्त होने और शोषण से सुरक्षित रहने का अधिकार शामिल है।

सुरज कुमार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2015): इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) एक मौलिक अधिकार है और राज्य का संवैधानिक दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि बच्चे खतरनाक व्यवसायों में काम न करें।

एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ (2016): इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बाल श्रम को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक नीति तैयार करने का निर्देश दिया ताकि बच्चे खतरनाक व्यवसायों में काम न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने लगातार यह माना है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) का एक मौलिक अधिकार है और राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह बच्चों को शोषण और खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों से सुरक्षित रखे। अदालत ने बच्चों की शिक्षा और विकास के महत्व पर जोर दिया है और सरकार को बाल श्रम को रोकने और बच्चों को शिक्षा और विकास के अन्य अवसर प्रदान करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो बच्चों को शोषण और खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों से बचाता है। इसका प्रभावी प्रवर्तन भारत में बच्चों के हितों की सुरक्षा और उनके विकास और प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

आपके सवाल

अनुच्छेद 24 क्या बताता है?

या

संविधान का अनुच्छेद 24 क्या है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) संविधान द्वारा दिया गया भारतीय नागरिकों के लिए एक मौलिक अधिकार है जो 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों, खदानों और अन्य खतरनाक कामों में काम करने से रोकता है। भारत के संविधान का यह प्रावधान संविधान की सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अनुच्छेद 23 और 24 में क्या है?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 23) मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी की रोक लगाता हैं और भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) बालश्रम पर रोक लगाता हैं।

अनुच्छेद 24 कब पेश किया गया था?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 24) को सन् 1950 में पेश किया गया था।

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