भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11)

नमस्कार, मेरे पुराने पाठकों का मेरे ब्लॉग (free padhai) पर वापिस स्वागत हैं। अब तक हम भारतीय संविधान के 10 अनुच्छेदों का विस्तार से अध्ययन कर चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि उन सभी अनुच्छेदों के बारे में आपको विस्तार से जानकारी मिली होगी और आपने इनके नोट्स भी तैयार कर लिए होंगे। आज हम उसके आगे भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो बिना समय गंवाए आज की पढ़ाई शुरू करते हैं।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11)

 

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11)

परिचय

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) नागरिकता के अधिकार को कानून से नियंत्रित करने के लिए संसद को शक्ति प्रदान करता हैं। अर्थात् भारत की संसद नागरिकता से सम्बन्धित कानून बना सकती हैं।
– साथ ही अनुच्छेद 11 यह भी सुनिश्चित करता है कि नागरिकता के अधिकार कानून द्वारा संरक्षित और नियंत्रित हों।

नागरिकता के संबध में संसद की शक्ति

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) के अनुसार संसद को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें नागरिकता की प्राप्ति, हानि, और नागरिकों के अधिकार भी शामिल हैं।

– यह शक्ति अनुच्छेद 11 की सहायता से संविधान के निर्माताओं ने संसद को इसलिए प्रदान की ताकि राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा को बनाया रखा जा सके जो की बहुत जरूरी है।

अनुच्छेद 11 का महत्व

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) यह सुनिश्चित करता है कि नागरिकता को न्यायसंगत और लोकतांत्रिक ढंग से नियंत्रित किया जा सके।

अनुच्छेद 11 का महत्त्व इस बात के लिए और अधिक हो जाता हैं क्योंकि अनुच्छेद 11 नागरिकता के मामलों में मनमाने निर्णयों को रोकता है।

अनुच्छेद 11 संविधान का हिस्सा होने के कारण नागरिकों के अधिकारों की संरक्षा पर संवैधानिक आश्वासन को प्रकट करता है।

अनुच्छेद 11 की आलोचना और विश्लेषण

– कुछ विद्वान यह दावा करते हैं कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) भारत की संसद को बहुत अधिक शक्ति प्रदान करता है।

– कुछ लोगों का यह मानना हैं की अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता से सम्बन्धित कानून बनाने की शक्ति भारत की संसद के पास होने के कारण पूर्ण बहुमत से सता में आने वाला राजनितिक दल आपसी लड़ाई के चलते हुवे इस शक्ति का इस्तेमाल किसी विशेष समूह या व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव के लिए कर सकता है।

– इन गंभीर आरोपों और संभावनाओं के चलते विद्वानों का मानना हैं कि इसे अन्य संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों के साथ संतुलित किया जाना अति आवश्यक है।

सर्वोच्च न्यायालय की व्याख्या

– भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11)  का व्याख्यान किया है।

– भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 11 बारे में कहा की संविधान में यह निर्धारित किया गया हैं कि संसद की नागरिकता को नियंत्रण करने की शक्ति संवैधानिक सीमाओं और न्यायिक समीक्षा के अधीन है। इससे काफी हद तक यह सिद्ध होता हैं की जो इस अनुच्छेद की आलोंचना करते हैं उनको घबराने की जरूरत नहीं हैं।

– साथ ही भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा की अनुच्छेद 11 का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को व्यक्तिगत अधिकारों के साथ संतुलित करने की महत्वपूर्णता पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए।

महत्वपूर्ण बिंदु

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11)  संसद की नागरिकता को नियंत्रण करने की शक्ति से संबंधित है।

अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता को एक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक तरीके से नियंत्रित किया जाता है।

– सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 11 की व्याख्या करते समय कहा की यह संवैधानिक सीमाओं और न्यायिक समीक्षा के अधीन है। जिससे अनुच्छेद 11 की आलोचना करने वालो का मुंह बंद हुआ हैं।

अनुच्छेद 11 की सहायता से राष्ट्रीय सुरक्षा को व्यक्तिगत अधिकारों के साथ संतुलित करने की जरूरत है।

– साथ ही इसे अन्य संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) यह सुनिश्चित करता है कि संसद को कानून द्वारा नागरिकता के अधिकार को नियंत्रित करने की शक्ति है।

– इस शक्ति को संसद को प्रदान करने के पीछे उद्देश्य यह था कि राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखा जा सके जोकि महत्वपूर्ण है।

– इसे ऐसे तरीके से व्याख्या और लागू किया जाना चाहिए जो राष्ट्रीय हितों को व्यक्तिगत अधिकारों और संवैधानिक सीमाओं के साथ संतुलित करता है।

आपके सवाल

अनुच्छेद 11 कब पेश किया गया था?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा पेश किया गया था। अनुच्छेद 11 संविधान के अध्याय II का हिस्सा है और नागरिकता के अधिकारों को नियंत्रण करने की शक्ति भारत की संसद को प्रदान करता है।

अनुच्छेद 10 और 11 में क्या अंतर है?

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 10 और 11 में नागरिकता के अधिकारों के संबंध में अंतर है: –

– भारतीय संविधान का अनुच्छेद 10 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 10) : यह नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता को सुनिश्चित करता है।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11): इसमें नागरिकता प्राप्ति और नागरिकता निष्कर्ष के विषय में विशेष प्रावधान हैं।

अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता को सुनिश्चित करता है, जबकि अनुच्छेद 11 नागरिकता की प्राप्ति और उसके निष्कर्ष के विषय में विवरण प्रदान करता है।

अनुच्छेद 11 में क्या लिखा है? 

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 (Bhartiya savidhan ka anuchhed 11) संसद को किसी भी कानून के माध्यम से नागरिकता के अधिकारों को नियंत्रण करने की पूर्ण शक्ति है। यह अनुच्छेद भारतीय नागरिकता के अधिकारों को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए संसद को अधिकार प्रदान करता है।

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