62 Saltanata kal ka prashasan kala aur sahitya

Saltanata kal ka prashasan kala aur sahitya

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सल्तनत काल का प्रशासन, कला और साहित्य

प्रशासन

प्रश्न 1. सल्तनत काल के प्रशासन में सबसे ऊँचा पद किसका था?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में सबसे ऊँचा पद सुल्तान का था।

प्रश्न 2. सल्तनत काल के प्रशासन में सुल्तान के बाद सबसे ऊँचा पद किसका था?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में सुल्तान के बाद सबसे ऊँचा पद वजीर का था।

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प्रश्न 3. सल्तनत काल के प्रशासन में मंत्री परिषद को क्या बोला जाता था?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में मंत्री परिषद को मजलिस-ए-खिलवत बोला जाता था।

प्रश्न 4. सल्तनत काल में साम्राज्य को कौन कौनसी इकाइयों में बाँटा गया था?

उत्तर: सल्तनत काल में साम्राज्य को निम्न इकाइयों में बाँटा गया था: –

– साम्राज्य को प्रांत या इक्ता में

– प्रांत को परगना में

– और परगना को गाँव में

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प्रश्न 5. सल्तनत काल के प्रशासन कि सबसे छोटी इकाई कौनसी थी?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन कि सबसे छोटी इकाई गाँव थी और गाँव के मुखिया को चौधरी कहा जाता था।

प्रश्न 6. सल्तनत काल के प्रशासन में वित विभाग को क्या कहा जाता था?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में वित विभाग को दीवान-ए-वजारत कहा जाता था।

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प्रश्न 7. सल्तनत काल के प्रशासन में दीवान-ए-वजारत का प्रमुख कौन होता था?

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में दीवान-ए-वजारत का प्रमुख वजीर होता था।

प्रश्न 8. सल्तनत काल के प्रशासन में आरिज-ए-मुमालिक कौन होता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में आरिज-ए-मुमालिक सैन्य विभाग का प्रमुख होता था। सैन्य विभाग को दीवान-ए-अर्ज कहा जाता था।

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प्रश्न 9. सल्तनत काल के प्रशासन में पत्र व्यवस्था से संबंधित विभाग को क्या कहा जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में पत्र व्यवस्था से संबंधित विभाग को दीवान-ए-इंशा कहा जाता था और इसके प्रमुख को दबीर-ए-खास कहा जाता था।

प्रश्न 10. सल्तनत काल के प्रशासन में विदेशी मामलों से संबंधित विभाग के प्रमुख को क्या बोला जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में विदेशी मामलों से संबंधित विभाग के प्रमुख को दीवाने-ए-रिसालत बोला जाता था।

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प्रश्न 11. सल्तनत काल के प्रशासन में धार्मिक मामलों से संबंधित विभाग के प्रमुख को क्या बोला जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में धार्मिक मामलों से संबंधित विभाग के प्रमुख को सद्र-ए-सुदूर बोला जाता था।

प्रश्न 12. सल्तनत काल के प्रशासन में न्यायिक विभाग के प्रमुख को क्या बोला जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में न्यायिक विभाग के प्रमुख को काजी-उल-कुजात बोला जाता था।

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प्रश्न 13. सल्तनत काल के प्रशासन में गुप्तचर विभाग के प्रमुख को क्या बोला जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल के प्रशासन में गुप्तचर विभाग के प्रमुख को वरीद-ए-मुमालिक बोला जाता था।

कर व्यवस्था

प्रश्न 14. सल्तनत काल में मुख्य रूप से कितने प्रकार के कर लिए जाते थे? 

उत्तर: सल्तनत काल में मुख्य रूप से पाँच प्रकार के कर लिए जाते थे। जो निम्न हैं: – उश्र, खराज, जकात, जजिया और खम्स। इसके अलावा व्यापारिक कर, चारागाह कर और सिंचाई कर (1/10) भी वसूले जाते थे।

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प्रश्न 14. सल्तनत काल में मुसलमानों से लिया जाने वाले भूमि कर (लगान) को क्या कहा जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल में मुसलमानों से लिया जाने वाले भूमि कर (लगान) को उश्र कहा जाता था।

प्रश्न 15. सल्तनत काल में गैर मुसलमानों से लिया जाने वाले भूमि कर (लगान) को क्या कहा जाता था?

उत्तर: सल्तनत काल में गैर मुसलमानों से लिया जाने वाले भूमि कर (लगान) को खराज कहा जाता था। गैर मुसलमानों से खराज उपज का 1/3 से 1/2 भाग तक लिया जाता था।

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प्रश्न 16. सल्तनत काल में अमीर मुसलमानों से लिया जाने वाले धार्मिक कर को क्या कहा जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल में अमीर मुसलमानों से लिया जाने वाले धार्मिक कर को जकात कहा जाता था। अमीर मुसलमानों से कुल आमदनी का 2.5 % भाग जकात के रूप में लिया जाता था।

प्रश्न 17. सल्तनत काल में गैर मुसलमानों से लिया जाने वाले धार्मिक कर को क्या कहा जाता था? 

उत्तर: सल्तनत काल में गैर मुसलमानों से लिया जाने वाले धार्मिक कर को जजिया कहा जाता था।

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प्रश्न 18. सल्तनत काल में लूट के माल को क्या कहा जाता था?

उत्तर: सल्तनत काल में लूट के माल को खम्स कहा जाता था। अधिकांश शासक लूट के माल का 4/5 भाग खम्स के रूप में लेते थे वहीं फिरोजशाह तुगलक ने लूट के माल का 1/5 भाग खम्स के रूप में लेने का निर्णय लिया था। बाकी बचा हुआ लूट का माल सेना के पास रहता था।

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सैन्य व्यवस्था

प्रश्न 19. सल्तनत काल में कितने प्रकार के सैनिक देखने को मिलते हैं?

उत्तर: सल्तनत काल में चार प्रकार के सैनिक देखने को मिलते हैं। जो निम्न थे: –

– सुल्तान के स्थायी सैनिक (जिनकी भर्ती सुल्तान के द्वारा कि जाता थी)

– इक्तेदारो के सैनिक (यह प्रातीय शासकों के सैनिक होते थे जो सुल्तान को जरूरत पड़ने पर युद्ध लड़ते थे)

– अस्थायी सैनिक (इस प्रकार के सैनिकों कि भर्ती केवल युद्ध के समय कि जाती थी)

– स्वयंसेवक (यह मुस्लिम सैनिक होते थे जो धर्म के नाम पर युद्ध लड़ते थे)

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प्रश्न 20. सल्तनत काल में सेना को कितने भागों में बाँटा गया था?

उत्तर: सल्तनत काल में सेना को तीन भागों में बाँटा गया था। जो निम्न हैं: –

पैदल सेना (संख्या कि दृष्टि में सबसे बड़ी सेना)

गज सेना (किले तोड़ने या युद्ध क्षेत्र में भागदड़ मचाने के लिए)

– और घुड़सवार सेना (युद्ध कि दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण सेना)।

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प्रश्न 21. सल्तनत काल में सैन्य पदों के विभाजन किस प्रणाली पर आधारित था?

उत्तर: सल्तनत काल में सैन्य पदों के विभाजन दशमलव प्रणाली पर आधारित था। दशमलव प्रणाली के अंतर्गत 10 के ऊपर 1 पद कि व्यवस्था थी।

प्रश्न 22. सल्तनत काल में 1 सरेखेल के नीचे कितने घुड़ सवार होते थे?

उत्तर: सल्तनत काल में 1 सरेखेल के नीचे 10 घुड़ सवार होते थे।

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प्रश्न 23. सल्तनत काल में 1 सिपहसालार के नीचे कितने सरेखेल होते थे?

उत्तर: सल्तनत काल में 1 सिपहसालार के नीचे 10 सरेखेल होते थे।

प्रश्न 24. सल्तनत काल में 1 अमीर के नीचे कितने सिपहसालार होते थे?

उत्तर: सल्तनत काल में 1 अमीर के नीचे 10 सिपहसालार होते थे।

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प्रश्न 25. सल्तनत काल में 1 मलिक के नीचे कितने अमीर होते थे?

उत्तर: सल्तनत काल में 1 मलिक के नीचे 10 अमीर होते थे।

प्रश्न 26. सल्तनत काल में 1 खान के नीचे कितने मलिक होते थे?

उत्तर: सल्तनत काल में 1 खान के नीचे 10 मलिक होते थे।

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न्याय और दंड

प्रश्न 27. सल्तनत काल में सबसे बड़ा न्यायधीश कौन होता था?

उत्तर: सल्तनत काल में सबसे बड़ा न्यायधीश सुल्तान खुद होता था। इस काल में कठोर दंड विधान देखने को मिलता हैं।

प्रश्न 28. सल्तनत काल में सुल्तान धार्मिक मामलों में न्याय के लिए किसकी सहायता लेता था?

उत्तर: सल्तनत काल में सुल्तान धार्मिक मामलों में न्याय के लिए सद्र और काजी कि सहायता लेता था।

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विभाग और निर्माता

प्रश्न 29. सल्तनत काल में वित विभाग दीवान-ए-मुस्तखराज का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में वित विभाग दीवान-ए-मुस्तखराज का गठन अलाउद्दीन खिलजी ने किया था।

प्रश्न 30. सल्तनत काल में कृषि विभाग दीवान-ए-कोही का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में कृषि विभाग दीवान-ए-कोही का गठन मुहम्मद बिन तुगलक ने किया था।

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प्रश्न 31. सल्तनत काल में सैन्य विभाग दीवान-ए-अर्ज का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में सैन्य विभाग दीवान-ए-अर्ज का गठन बलबन ने किया था।

प्रश्न 32. सल्तनत काल में दान संबंधित विभाग दीवान-ए-खैरात का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में दान संबंधित विभाग दीवान-ए-खैरात का गठन फिरोजशाह तुगलक ने किया था।

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प्रश्न 33. सल्तनत काल में दासों से संबंधित विभाग दीवान-ए-बंदगान का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में दासों से संबंधित विभाग दीवान-ए- बंदगान का गठन फिरोजशाह तुगलक ने किया था।

प्रश्न 34. सल्तनत काल में पेंशन से संबंधित विभाग दीवान-ए-इस्तिहाक का गठन किसने किया था?

उत्तर: सल्तनत काल में पेंशन से संबंधित विभाग दीवान-ए-इस्तिहाक का गठन फिरोजशाह तुगलक ने किया था।

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कला

प्रश्न 35. भारत में तुर्कों द्वारा पहला मस्जिद कौनसा बनाया गया था?

उत्तर: भारत में तुर्कों द्वारा पहला मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम को दिल्ली में कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था।

प्रश्न 36. ढाई दिन के झोपड़े कि जगह पहले क्या था?

उत्तर: ढाई दिन के झोपड़े कि जगह पहले एक संस्कृत विद्यालय था। ढाई दिन के झोपड़ा एक मस्जिद थी जिसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था।

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प्रश्न 37. कुतुबमीनार का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर: कुतुबमीनार कि नीव सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने रखी थी और इसका निर्माण कार्य पुरा इल्तुतमिश ने करवाया था।

प्रश्न 38. भारत में मकबरा शैली का जंमदाता किसको कहा जाता हैं?

उत्तर: भारत में मकबरा शैली का जंमदाता इल्तुतमिश को कहा जाता हैं।

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प्रश्न 39. सुलतानगढी मकबरे का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर: सुलतानगढी मकबरे का निर्माण इल्तुतमिश ने करवाया था।

प्रश्न 40. हौज रा शम्सी और शम्सी ईदागाह का निर्माण किस शासक ने करवाया था?

उत्तर: हौज रा शम्सी और शम्सी ईदागाह का निर्माण इल्तुतमिश ने करवाया था।

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प्रश्न 41. भारत में विशुद्ध इस्लामिक शैली का मकबरा किस शासक ने बनवाया था?

उत्तर: भारत में विशुद्ध इस्लामिक शैली का मकबरा बलबन शासक ने बनवाया था। यह बलबन खुद का मकबरा था।

प्रश्न 42. सिरी का किला किस शासक ने बनवाया था?

उत्तर: सिरी का किला अलाउद्दीन खिलजी ने बनवाया था।

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प्रश्न 43. हौज-ए-अलाई और अलाई दरवाजा का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर: हौज-ए-अलाई और अलाई दरवाजा का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था। हौज-ए-अलाई को हौज-ए-खास भी कहा जाता हैं। अलाई दरवाजा लाल पत्थरों से बना हुआ था।

प्रश्न 44. हजार खंभों का महल किसने बनवाया था?

उत्तर: हजार खंभों का महल अलाउद्दीन खिलजी ने बनवाया था।

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प्रश्न 45. ऊखा मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर: भरतपुर (राजस्थान) में ऊखा मस्जिद का निर्माण मुबारक खिलजी ने करवाया था।

प्रश्न 46. तुगलकाबाद का किला किसने बनवाया था?

उत्तर: तुगलकाबाद का किला तुगलक संस्थापक ग्यासुद्दीन तुगलक बनवाया था। इसके अलावा ग्यासुद्दीन तुगलक ने अपना मकबरा भी बनवाया था।

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प्रश्न 47. आदिलाबाद का किला और जहाँपनाह का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर: आदिलाबाद का किला और जहाँपनाह का निर्माण मुहम्मद बिन तुगलक ने करवाया था।

प्रश्न 48. मोठ मस्जिद का निर्माण किस शासक ने करवाया था?

उत्तर: मोठ मस्जिद का निर्माण सिकंदर लोदी ने करवाया था।

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प्रश्न 49. फिरोजशाह कोटला महल और फिरोजशाह के मकबरे का निर्माण किस शासक ने करवाया था?

उत्तर: फिरोजशाह कोटला महल और फिरोजशाह के मकबरे का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था।

साहित्य

प्रश्न 50. सल्तनत काल के शासकों कि राज भाषा कौनसी थी?

उत्तर: सल्तनत काल के शासकों कि राज भाषा फारसी भाषा थी।

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प्रश्न 51. ताज-उज-मासिर किसकी रचना थी?

उत्तर: ताज-उज-मासिर हसन निजामी कि रचना थी जिसमें कुतुबुद्दीन ऐबक से सम्बन्धित जानकारी मिलती हैं। हसन निजामी कुतुबुद्दीन ऐबक के दरबार में रहता था।

प्रश्न 52. तबकात-ए-नासीरी किसकी रचना थी?

उत्तर: तबकात-ए-नासीरी मिनाहाज-उस-सिराज रचना थी जो नसीरुद्दीन महमूद के दरबार में रहते थे।

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प्रश्न 53. जियाउद्दीन बरनी ने कौन कौनसी पुस्तकें लिखी थी? 

उत्तर: जियाउद्दीन बरनी ने तारीख-ए-फिरोजशाही और फतवा-ए-जहाँगिरी नामक पुस्तकें लिखी थी। जियाउद्दीन बरनी पहले मुहम्मद बिन तुगलक के दरबार में और बाद में फिरोजशाह तुगलक के दरबार में रहता था।

प्रश्न 54. फिरोजशाह तुगलक कि आत्मकथा का नाम क्या था? 

उत्तर: फिरोजशाह तुगलक कि आत्मकथा का नाम फुतहात-ए-फिरोजशाही था।

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प्रश्न 55. किताब-उल-रेहला किसकी रचना थी? 

उत्तर: किताब-उल-रेहला मोरक्को के यात्री इब्नबतूता कि रचना थी। इब्नबतूता मुहम्मद बिन तुगलक के समय भारत आया था और उसके दरबार में रहता था।

प्रश्न 56. तारीख-ए-मुबारकशाही किसकी रचना थी? 

उत्तर: तारीख-ए-मुबारकशाही अहमद सरहिंदी कि रचना थी। इसमें सैयद वंश से सम्बन्धित जानकारी मिलती हैं।

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प्रश्न 57. फतुह-उस-सलातीन किसकी रचना थी? 

उत्तर: फतुह-उस-सलातीन ख्वाजा इसामी कि रचना थी। जिसमे गजनवी से लेकर तुगलक वंश तक कि जानकारी मिलती हैं।

अमीर खुसरों

प्रश्न 58. अमीर खुसरों का जन्म कब हुआ था? 

उत्तर: अमीर खुसरों का जन्म कासगंज (उत्तर प्रदेश) में 1235 ई. में हुआ था। यह बलबन से मुहम्मद बिन तुगलक तक सुल्तान के दरबार में रहता था। अमीर खुसरों पहला मुसलमान था जिसनें भारतीय होने का दावा किया था।

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प्रश्न 59. भारत का तोता के नाम से कौनसा साहित्यकार जाना जाता हैं? 

उत्तर: भारत का तोता (तुतिर हिंद) के नाम से अमीर खुसरों को जाना जाता हैं। अमीर खुसरों ने कहा था कि फारसी कि तुलना में हिंदी कहीं से भी कम नही हैं।

प्रश्न 60. सितार और तबला का अविष्कार किसने किया था? 

उत्तर: सितार और तबला का अविष्कार अमीर खुसरों ने किया था।

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प्रश्न 61. कव्वाली शैली को किसने आरंभ किया था? 

उत्तर: कव्वाली शैली को अमीर खुसरों ने आरंभ किया था।

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प्रश्न 62. अमीर खुसरों कि कौन कौनसी रचनाएँ प्रसिद्ध हैं?

उत्तर: अमीर खुसरों कि निम्न रचनाएँ प्रसिद्ध हैं:-

– किरान-उस-सादेन

– मिफता-उल-फुतुह

– खजाइन-उल-फुतुह

– आशिका

– नूह सिपिहर

– तुगलकनामा।

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